पहला दिन

कॉलेज का पहला दिन था, आँखे यूँ तो दोस्ती को तत्पर थी, पर सभी जगह अनजान चेहरे थे - हिचक थी कि जाती नहीं थी।

लाइब्रेरी पहुँचा तो थोड़ी बैचनी कम हुई - वहाँ ढेरों म्यूच्यूअल-फ्रेंड्स थे - वो सब जिनकी दोस्ती उसकी तरह किताबों से थी