मेमना

चलते चलते थक सा गया था, एक पेड़ के नीचे रुका तो एहसास हुआ कि घर से बहुत दूर आ चुका था - एकदम से मन में सैकड़ो सवाल गूँज गए - खाने-पीने का क्या होगा, कहीं कोई बड़े जानवर का शिकार बन गया तो?

थोड़ा डरा, पर हिम्मत कर फिर आगे बढ़ चला - बाकी भेड़ों को छोड़ वो विद्रोही मेमना अपनी मंज़िल को अकेले ढूंढने निकला था