चमत्कार

नौकरी लगी तो लगा चमत्कार हो गया। वैसे मेहनती था, और महत्वाकांक्षी भी, खाना-पीना छोड़ के हर रोज़ पंद्रह-पंद्रह घंटे काम करने लगा।

जल्द ही ओहदा बढ़ा, आमदनी बढ़ी और साथ बढ़ी अलमारी में रखी दवाईयाँ - खोयी सेहत फिर से पाना अब एक चमत्कार से कम ना होगा!